ACS K.K. Pathak के आदेश के खिलाफ विश्वविद्यालयों की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई की जिसमे राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में निम्नलिखित दलील दिए गए
शिक्षा विभाग के महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि जितना पैसा विश्वविद्यालयो को दिया जा रहा हैं, उन पैसों को छात्रों को दे दिया जाये तो वे बेहतर शिक्षा ग्रहण कर लेंगे।
KK पाठक एक्शन
राज्य सरकार पांच हजार करोड़ विवि को देती है, फिर भी शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों के तुलना में काफी खराब है। छात्रों का पलायन जारी है. विभाग ने थोड़ी कड़ाई की तो सभी विवि बिचलित हो गये. छात्रों का भविष्य अंधकारमय हैं।
कोई भी विश्वविद्यालय समय पर परीक्षा नहीं ले रहा है. परीक्षा समय पर लेने के लिए बैठक बुलायी गयी, तो वीसी नहीं पहुंचे। विश्वविद्यालय आखिर किस कानून के तहत पीएल खाता में पैसा रखते हैं।
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कोर्ट ने क्या दिया फैसला?
कोर्ट ने केके पाठक द्वारा राज्य के विश्वविद्यालय के बैंक खातों को फ्रीज किये जाने संबंधी आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. कोर्ट ने केके पाठक को सोमवार 6 मई को सभी विश्वविद्यालय के वीसी और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ पटना के मौर्या होटल में सुबह 11:00 से बैठक बुलाने का निर्देश दिया है।
लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि बैठक में कोई अध्यक्ष नहीं होगा. कोर्ट ने उम्मीद जतायी है कि यह बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न होगी।
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